(ਨਜਾਇਜ ਰਿਸ਼ਤੇ)
पोह की कड़कड़ाती ठंड में पसीना बहाती प्रीत प्यासी निगाहों से कमल की ओर ताक रही थी। कमरे में जलती मोमबत्ती भी शर्मा कर अपने आप बुझने लगी थी। कमल का हाथ पकड़ कर प्रीत अभी भी कमल से बिना शर्त प्यार की तलाश में थी। शादी के बाद कमल और प्रीत की पहली मुलाकात थी। प्रीत की आँखों में एक अलग ही चमक थी और उसके होठों से प्यार की आवाज़ पूरे कमरे में फैल रही थी। प्रीत ने अपना तन-मन सब कमल को समर्पित कर दिया था, वह आज प्रीत का जितना चाहता था उतना मजा ले रहा था। कमरे में उन दोनों के बिना हवा चल रही थी, जो दूर से शरमाती हुई वापस जा रही थी। कमल के चेहरे का पसीना प्रीत के होठों पर गिर रहा था और प्रीत की आत्मा और भी खुश हो रही थी। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ आकाश में बिजली चमकी तो प्रीत ने कमल को और भी कस कर गले से लगा लिया और अपने पास ले आई। कमल के हाथों के स्पर्श से प्रीत का गोरा बदनओर भी लाल हो गया।
बाहर बारिश होने लगी और बिजली चमक रही थी। जब प्रीत के चेहरे पर बिजली की रोशनी पड़ती तो कमल को प्रीत परियों जैसी लगती । कमल अपने हाथ प्रीत के चेहरे पर फेरने लगता है। यह प्रीत और कमल की पहली मुलाकात नहीं बल्कि प्रीत की शादी के बाद पहली मुलाकात थी। आज कमल से मिलकर प्रीत के चेहरे पर खुशी पहले से कहीं ज्यादा थी। प्रीत इतनी खुश थी कि कमल के अलावा प्रीत सब कुछ भूल गई। बाहर गिरती पानी की बूंदों ने प्रेम के काले भंवरों को फड़फड़ाया। जब आकाश में चमकती हुई बिजली प्रेम की सफेद पंखुडियों और काले भंवरों को छूती है तो वह कमल के हृदय को और भी अधिक उत्तेजित कर देती है। प्रीत की मदहोश आँखों की गहराई कमल को प्रेम के गहरे समुद्र में ले गई। धीमी, ठंडी हवा ने कमल और प्रीत को एक दूसरे के और करीब ला दिया। प्रीत की आँखों से आज कमल के लिए प्यार बरस रहा था।
प्रेम की उमड़ती लहरें हवा में लहराकर कमल के चेहरे पर शरारतें कर रही थीं। प्रीत का दिल आज कमल के लिए ही धड़क रहा था। प्रीत के कोमल गालों पर कमल के प्यार के निशान प्रीत के लिए किसी दवा की तरह थे। ठंडी हवा प्रीत के लाल होठों को छूती तो प्रीत का पूरा शरीर काँप उठता। एक तरफ पोह की शीतलता और ठंडी, ठंडी बहारें, दूसरी तरफ कमल की ममता और प्रेम। प्रीत की जुबान पर सिर्फ कमल का नाम आ रहा था। प्रीत के लाल होंठ कमल के लिए और भी तड़पने लगे थे। कमल के हाथों से प्रीत का यौवन और जिस्म और भी प्रगाढ़ हो गया था।
प्रीत कमल को बहुत ज्यादा प्यार दे रही थी।
प्रीत की मीठी सिसकियां ने पूरे कमरे को प्रेम से भर दिया। प्रीत की काली-काली जुल्फें में कमल प्यार से हाथ हिला रहा था , प्रीत कमल को और बाहों में भर लेती।कमल कभी प्रीत के होटों को चूमता तो कभी प्रीत के सतन चूमने लगता। प्रीत का गोरा गोरा और खूबसूरत जिस्म कमल के प्यार और पीड़ा से लाल लाल हो चुका था। कमल प्रीत को अंदर तक सकून दे रहा था। प्रीत का नर्म नर्म मास लाल लाल हो चुका था। मगर कमल अभी वो जोर जोर से प्रीत को सहला रहा था। प्रीत की सिसकियां कमल को और वो ज्यादा स्कून दे रही थी। कमल के जोरदार झटके ने प्रीत को अंदर तक हिला दिया। प्रीत की सिसकियां तेज होने लगी थी। प्रीत अपने चरम सुख को बहुत वार मान चुकी थी। कमल ने प्रीत की कमर को पकड़कर जोर से झटका दिया , प्रीत की मीठी मीठी चीके निकलने लगी। और प्रीत को कमल के प्यार का एक ठंडा एहसास होने लगा। प्रीत के हाथों की पकड़ कमल से और सघन होने लगी। इश्क के लंबे शाह से कमल और प्रीत एक दूसरे के और भी करीब आ जाते हैं। पूरा कमरा प्रीत के लाल होठों से निकलते प्यार के शब्दों से भर गया।कमल के हाथों में प्रीत की जवानी और भी मज़ेदार हो गई। एक-दूसरे की आंखें समुद्र में खो गये। कमल और प्रीत एक दूसरे के प्यार में इस कदर डूबे हुए थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब पूरी रात बीत गई।
प्रीत ने कमल का चेहरा अपने हाथों में ले लिया। प्रीत स्थिर निगाहों से कमल को ही देख रही थी। इतनी गौर से देख रही थी मानो प्रीत कमल की आँखों में समा जाना चाहती हो। प्रीत की नशीली आंखों में कमल भी देखा जा रहा था। वे दोनों इस पल को यहीं रुकना और कैद करना चाहते थे। एक-दूसरे से एक पल के लिए भी दूर न हों।
कमल और प्रीत ने एक दूसरे की आँखों में देखा और फिर से प्रेम के गहरे सागर में गोता लगाने लगे।
कमल की प्रीत से पहली मुलाकात कॉलेज में हुई थी। कमल पढ़ने में बहुत होशियार था। प्रीत से मिलने से पहले वह बहुत शर्मीला और विनम्र था। हालाँकि कॉलेज में पढ़ते हुए भी कमल को लगभग दो साल हो गए थे, लेकिन प्रीत से पहले कमल की ज़िंदगी में कोई लड़की नहीं आई थी। हालाँकि, कमल ने कभी भी प्रेम संबंधों की ओर ध्यान नहीं दिया। कमल का पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई और अपने उद्देश्य पर ही लगा रहा। कमल का मकसद अच्छी शिक्षा हासिल कर अच्छी सरकारी नौकरी पाना था। इसलिए वह अपना सारा ध्यान अपनी मंजिल खोजने में लगाता था।
प्रीत बहुत ही सुंदर और गोरी युवती थी। पहले वह दूसरे कॉलेज में पढ़ती थी। उसी साल वह कमल वाले कॉलेज में आ गईं। कमल भोला-भाला और पढ़ा-लिखा था, इसके विपरीत प्रीत झगड़ने वाली और अपनी बातों से दूसरों को लूटने वाली लगती थी। कमल और प्रीत की पहली मुलाकात एक बस में हुई थी। कमल और प्रीत के गांव तक एक ही बस जाती थी। सुबह आने वाली बस का एक ही समय था। एक ही बस में चार-पांच गांवों से सभी छात्र आते थे। बस में छात्र के साथ अन्य यात्री भी थे। जिससे बस में भीड़ भी काफी अधिक थी।
कमल भी रोज की तरह बस से कॉलेज आ रहा था और प्रीत भी उसी बस में थी। बस में भी काफी भीड़ थी। वे आपस में धक्का-मुक्की कर रहे थे। प्रीत भी अपनी किट लेकर जा रही थी। जिससे प्रीत को भीड़ में खड़ा होना और भी मुश्किल हो रहा था। कमल भी प्रीत से थोड़ा आगे खड़ा था। जब कमल की नजर प्रीत पर पड़ी तो कमल को प्रीत के चेहरे पर काफी मायूसी नजर आई।
जारी,,,